दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक, Microsoft ने 6,000 कर्मचारियों की वैश्विक स्तर पर छंटनी का निर्णय लिया है। यह कदम कंपनी की लागत में कटौती और संचालन को सुव्यवस्थित करने की रणनीति का हिस्सा है। 2025 में तकनीकी जगत में यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
Microsoft ने 2025 में छंटनी का फैसला क्यों लिया?
Microsoft के अनुसार छंटनी के पीछे ये प्रमुख कारण हैं:
आर्थिक मंदी: वैश्विक मांग में गिरावट, बढ़ती महंगाई और निवेश में सतर्कता।
AI और ऑटोमेशन: कई कार्य अब मशीन लर्निंग और AI द्वारा ऑटोमेट किए जा रहे हैं।
संरचनात्मक बदलाव: Microsoft अब क्लाउड और AI पर अधिक ध्यान दे रही है और पुराने विभागों में निवेश घटा रही है।
किन विभागों पर असर पड़ेगा?
हालाँकि कंपनी ने पूरी सूची जारी नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक छंटनी मुख्य रूप से इन विभागों में होगी:
सेल्स और मार्केटिंग
हार्डवेयर और डिवाइस यूनिट्स
कस्टमर सपोर्ट और बैकएंड ऑपरेशन
कुछ AI और क्लाउड टीमों में भी पुनर्गठन हो सकता है।
छंटनी किस देशों में होगी?
यह छंटनी केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है। Microsoft के दुनिया भर में कर्मचारी हैं, और भारत, यूरोप, UK और एशिया-पैसिफिक में भी इसका असर पड़ेगा।
भारत में Microsoft के लगभग 20,000 कर्मचारी हैं, और रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के नॉन-टेक और सपोर्ट विभागों में खासा असर देखा जा सकता है।
टेक इंडस्ट्री पर इसका क्या असर होगा?
Microsoft की यह छंटनी Google, Amazon और Meta जैसी कंपनियों के हालिया फैसलों की ही तरह है। इसका मतलब है कि: जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
AI, क्लाउड, और डेटा साइंस जैसे स्किल्स की मांग बढ़ेगी।
टेक्नोलॉजी कंपनियाँ अब प्रॉफिटेबिलिटी और एफिशिएंसी पर ज़्यादा ध्यान दे रही हैं।